sidh kunjika Fundamentals Explained
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देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल check here प्रज्वल
इश्क के जाल में फंसाकर चल रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
It is incredibly secretive – we really need to go deeply inside and understand the meaning of these mantras.
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।